Tuesday, January 14, 2014

शिर्डी साईं का पर्दाफाश(sai baba exposed)

आज मैं शिर्डी साईं के सारे राज का पर्दाफाश कर
रहा हु,
कृपया धयन जरुर दे की सभी सबूत
शिर्डी से प्रकाशित साईं सत्चरित्र से लिए गये है,
इसलिए इनमे से किसी भी प्रमाण
को पहले जांच ले और उसके बाद सही होने पर
ही कुछ वाद विवाद करे, यदि कोई साईं भक्त आहत
है और मेरे दिए हुए प्रमाण से संतुष्ट है
नहीं तो वह कानोनी करवाई कर
सकता है,
जय श्री राम,
आज मैं आप सभी के सामने वो सच रख रहा हु जिसे
जान कर सभी साईं भक्तो के पैरो टेल जमीन
खिसक जाएगी, बहुत से साईं मित्र
यही कहते थे की मेरे पास कोई ठोस
सबूत नहीं है की साईं मुस्लमान है,
कुछ लोग कहते थे की साईं ब्राह्मण है, पर उनके
पास इस बात का कोई सबूत या प्रमाण नहीं होता था,
कुछ अन्य भक्त कहते थे की साईं केवल हिन्दू
ग्रंथो का पाठ करते थे और उनके गुरु भी हिन्दू थे,
लेकिन मेरे साईं के मांसाहारी होने की बात
पर कुछ ये भी कहते थे की साईं ने
कभी मांस को हाथ तक नहीं लगाया,
पर आज इन सभी तथ्यों को झुतना सिद्ध करके मैं
दिखाना चाहता हु की साईं सच में माँसाहारी
था,
यही नहीं साईं ने एक बकरे
को भी काटने का प्रयत्न किया था
वो भी बकरईद के दिन,
हद तो तब हो गयी जब एक ब्राहमण को साईं ने मांस
खिलाने के लिए बाध्य किया,
ये सब मैं अपनी तरफ से
नहीं बल्कि शिर्डी के साईं संस्थान से
प्रकाशित साईं सत्चरित्र के माध्यम से कह रहा हु,
पाठको से विनती है की इसे पढ़े और पढने
के बाद मनन व् चिंतन करे
की क्या ऐसा पाखंडी, यवनी,
धूर्त, कपटी, सनातन धर्म में कोई इश्वर या अवतार
हो सकता है, जैसा की विगत १५ वर्षो से दुस्प्रचारित
किया जा रहा है,
शिर्डी में ही साईं
की समाधि है जो चाँद बाबा के नाम से है, ये चाँद
बाबा असल में चाँद मियां उर्फ़ साईं बाबा ही थे, अब ये
दफनाये गये है तो दफ़नाने के बाद ये सालो तक जमीन में
ही दफ़न रहेंगे,
जमीन में दफ़न होंगे तो सड़ेंगे ही, और
सड़ेंगे तो कीड़े ही पड़ेंगे, तो मेरे
भाइयो बहनों जो साईं भक्त है वो सोचे की जब ये
भगवान् होकर कीड़ो से
अपनी रक्षा नहीं कर सकता तो आप
लोगो को भव् सागर कैसे पार कराएगा,
गीता में भी भगवान् कृष्ण ने कहा है,
की दफनाये गये मुर्दा आदमी को जो सकाम
भाव से पूजता है वो भी प्रेत योनी में भक्त
रहता है और वो भी जो दफनाया जाता है,
तो मेरे भाइयो बहनों, प्रेत को पूज कर आप भी प्रेत
ही बनोगे,
इसलिए छोड़ो साईं भक्ति और केवल श्री कृष्ण,
श्री राम और शंकर महादेव को पूजे, सनातन धर्म
ही सबसे उत्तम है
प्रमाण के लिए निचे साईं सत्चरित्र की पुस्तकों के पृष्ठ
और अद्याय दिए हुए है जिनसे ये साबित होता है की
साईं न केवल मुसलमान था बल्कि वह मांसाहारी और
धर्मद्रोही भी था,
अधिक जानकारी के लिए हमारा निम्न ब्लोग भी देखे:
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