Monday, November 24, 2014

हिन्दुओ से चोरी किये गये इस्लामिक कुछ रिवाज और नियम


मनु ने पञ्च यज्ञ बताये उसी आधार पर इस्लाम में पांच वक्त की नमाज (नम शब्द से )
हिन्दुओ में आचमन अंगस्पर्शन उसी आधार पर मुस्लिमो में वुजू ,मश्ह ..
हिन्दुओ में स्नान मुस्लिमो में गुसल ,,
हिन्दुओ का शोच मुस्लिमो का तय्युम (शौच में मिटटी लगाने के बाद पानी से धोते है मतलब शुधि करते है जबकि वहा तय्यम के बाद पानी से धोने के बारे में नियम नही है मिटटी लपटने के बाद बिना पानी धोये भी नमाज पढ़ सकते है )
हिन्दुओ में जप माला फिरना ,,,मुस्लिमो में तस्बीह ,तहलील करना ...
हिन्दुओ का पाठ करना मुस्लिमो का तिलावत 
हिन्दुओ का उपवास मुस्लिमो का रोजे 
हिन्दुओ में दान पुन्य मुस्लिमो के खैरात व जकात 
हिन्दुओ में बलिदान मुस्लिमो में सदक:
हिन्दुओ की तीर्थ यात्रा मुस्लिमो की हज्ज 
हिन्दुओ की प्रदक्षिणा मुस्लिमो की तवाफ़ ..
हिन्दुओ का प्रायश्चित मुस्लिमो का कफार 
हिन्दुओ का श्राद मुस्लिमो का फातिह: 
हिन्दुओ का स्वर्ग मुस्लिमो की बहिश्त ...हिन्दुओ का नर्क मुस्लिमो की दोजख ..
हिन्दुओ का अक्षयवट मुस्लिमो का तूबा ..
हिन्दुओ की अप्सरा ,धर्मराज ,गण मुस्लिमो की हुरे , रिज्वान ,मलाइक 
हिन्दुओ का चित्रगुप्त मुसलमानों का करामन 
हिन्दुओ का यमराज मुस्लिमो का इज्राईल 
हिन्दुओ का वेतरणी मुस्लिमो का पुले सिरात 
हिन्दुओ का कल्पवृक्ष मुस्लिमो का सद्रह 
हिन्दुओ की वारुणी मुसलमानों का शराबे तहुर 
हिन्दुओ का ध्यान मुस्लिमो का मुराब्क 
हिन्दुओ का कैलाश मुस्लिमो का अर्शे अजीम 
इस तरह अनेक चीज़े मुस्लिमो ने हिन्दुओ से नकल की ....

Saturday, November 22, 2014

संगीत वेदों की देन है ....

ओम परमात्मा से ४ वेदों का प्रकाश ऋषियों पर हुआ | उन्ही चार वेदों में से सामवेद से संगीत की उत्त्पति मानी जाती है ...वैदिक ऋषियों ने वेदों पर अनुसंधान से ७ स्वर खोजे और उन्हें मंत्रो के गायन के लिए प्रयुक्त किया कि इस स्वर में यह छंद का गायन करना चाहिए ..इसी कारण वेद मंत्रो में देवता ,ऋषि ,छंद ,के साथ स्वर षडज ,गांधार आदि उल्लेखित है |
इन सात स्वरों का विवरण पिंगलाचार्य अपने छंद शास्त्र में देते है -
स्वरा: षडजर्षभगान्धारमध्यमपञ्चमधेवता: निषादों  (३.६४)
अर्थात ..षडज - सा
              ऋषभ -रे
             गांधार -गा
               मध्यम- मा
              पंचम -पा
                धैवत -धा
                 निषाद -नी ....ये साथ गान विद्या के स्वर है |..इन्हें षड्ज आदि प्रकार के ये सात [प्रकार है लेकिन ७ अन्य प्रकार भी है उदात्तादि चुकी आज कल के गानों में केवल ७ स्वरों सा .रे ,गा ,मा,पा ,धा,नी से ही स्वर लय बनाई जाती है इससे पता चलता है कि ये सारा संगीत राग ,रागनी ,ताल वेदों से प्रकट हुई है ....इन सबके बारे में विस्तृत जानकारी नारद संहिता आदि गान्धर्व वेद के ग्रंथो में है |
अत: जो भी संगीत प्रेमी है राग ,स्वर आदि गायन करते है उन्हें पाकिस्तानी गायकों और भदवे BOLLYWOD के गायकों जेसे हनी सिंह आदि के फैन होने की जगह सामवेद ,वैदिक ऋषियों आदि का सम्मान करना चाहिय ..जिसमे शास्त्रीय संगीतकार को वेदों ,गांधर्ववेद ,वैदिक ऋषियों ,छंद शास्त्रों का सम्मान अवश्य ही करना चाहिय ,,वेद न होते तो उनका उपवेद न होता और उपवेद न होता तो संगीत के स्वर न होते और संगीत के स्वर न होते तो संगीत न होता और संगीत न होता तो संगीतकार न होते ..संगीतकार न होते तो दुनिया सुनी होती मनोरंजन आदि न होते ,खुशिया न होती ...

Saturday, November 8, 2014

ताजमहल शाहजाह ने बनवाया इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नही |

मित्रो ताजमहल शाहजहा का बनावाया नही है इस सम्बन्ध में ज्यादा लिखने की आवश्कता नही है ...
पी एन ओक ने इस विषय में २ शोध पुस्तके लिखी है |
इसके अलावा स्टेप हेन केन्पप की साईट पर कुछ चित्र और कई यु ट्यूब वीडियो भी है |
यहाँ तक की आप स्वयम भारतीय शोध संस्थान से प्रमाण मांगोगे तो उनका भी जवाब कुछ ऐसा होगा :-
यहाँ बिलकुल स्पष्ट कहा है की कोई प्रमाण नही है फिर भी पुस्तको में ये पढ़ा कर गुमराह किया जा रहा है कि ताजमहल शाहजहा ने बनवाया जिसका प्रमाण नही तब तक वो झूट ही माना जाएगा और झूट बताना मतलब गुमराह करना है |
साभार - विराट आर्य (फेसबुक पोस्ट से )