Friday, October 4, 2013

हनुमानजी व शनिदेव में है इन खास बातों की समानता


सनातन धर्म में आस्था रखने वाला हर व्यक्ति श्रीहनुमान को संकटमोचक व शनिदेव दण्डाधिकारी देवता के रूप में पूजता है। दोनों ही देवताओं का शिव से संबंध भी उजागर है। श्रीहनुमान रुद्र यानी शिव अवतार हैं, तो शनिदेव ने भी शिव भक्ति से ही न्यायाधीश की शक्तियां पाई। यही नहीं, हनुमान भक्ति शनि दोष से भी छुटकारा देती है।
हनुमानजी और शनि की इन बातों के अलावा शास्त्रों में उजागर कुछ खास बातें दोनों ही देवताओं के चरित्र व शक्तियों की समानता और फर्क उजागर करती है।
ये हैं हनुमानजी और शनि में समानताएं-
- सूर्य संहिता के मुताबिक हनुमानजी का जन्म शनिवार के दिन हुआ था।
- श्रीहनुमान रुद्र अवतार हैं और रुद्र शनिदेव का भी एक नाम है।
- इसी तरह हनुमानसहस्त्रनाम में हनुमानजी का एक नाम शनि है।
- शास्त्रों में कई जगहों पर हनुमानजी का रंग शनिदेव के समान काला भी बताया गया है। माना जाता है कि यह शनि की क्रूर दृष्टिपात की वजह से हुआ था।
- कई जगहों पर हनुमानजी के हाथों में चाबुक वाली मूर्तियां भी देखी जाती हैं, जो शनि की तरह ही दण्डाधिकारी स्वरूप को उजागर करती है। धार्मिक नजरिए से इस वजह से भी शनिवार को हनुमान पूजा व शनिवार व्रत की परंपरा है।
इसी तरह हनुमानजी और शनिदेव चरित्र व शक्तियों में फर्क भी बताए गए हैं।
- शनि के पिता सूर्य हनुमानजी के गुरु हैं। शनि का अपने पिता से बैर है, किंतु सूर्यदेव ने हनुमानजी को कई विद्याओं व अपने तेज का अंश देकर महावीर बना दिया।
- शनि देव पापी व क्रूर स्वभाव के माने जाते हैं, जबकि भगवान शिव की तरह श्रीहनुमान उदार व दयालु।
- शनि का जन्म सूर्य यानी अग्नि तत्व से तो हनुमानजी का पवन यानी वायु तत्व से हुआ।
- माना जाता है कि शनिवार को तेल नहीं बेचना चाहिए, किंतु हनुमानजी को तेल चढ़ाना शुभ होता है

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