Friday, October 4, 2013

शुन्य की खोज असम में हुई



यूनानी और रोमन यूरोप को कई महान अविष्कार देने के लिए महसूर है। यूनान ने डेमोक्रेसी दी तो रोम ने नालियों और सोचालय व्यवस्ता दी।
पर फिर भी ये देश शुन्य की खोज में असफल रहे।
जब शून्य पहली यूनान और रोम पंहुचा तो उन लोगो ने कहा की कैसे कोई वास्तु न होकर भी हो सकती है?
अब आप सोचेंगे की ये तो भारत के महान गनित्याग्य अर्याभात्त थी जिन्होंने कुछ नहीं को कुछ है कहा पर सच यह है की शुन्य की खोज अर्याभात्त से पहले असाम में हो चुकी थी।
हाल ही में असाम में एक पत्थर पर कुछ अंक अंकित मिले है जो 200 ई. के है यानि अर्याभात्त के 300 वर्ष पूर्व।
वे अंक है 2,3,1,0,7 और 8।
डॉ एच.एन भुयान जो की प्रशिध पुरातत्व वैज्ञानिक है इस बात की पुस्ती की है।
अभी जाच चल रही है उस आदमी के बारे में पता करने की जिसने शुन्य की खोज की।

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