Friday, October 4, 2013

वायलीन का आविष्कार रावण ने किया था


रावण वेद ज्ञानी के साथ साथ अच्छा वास्तुकार ओर संगीतज्ञ भी था।
अगर मैं आपसे कहूँ कि रावण वॉयलिन बजाता था तो ? ... बजाता ही नहीं था बल्कि उसने 'कृष्ण यजुर्वेद' के भाष्य के अलावा वॉयलिन का आविष्कार भी किया था तो क्या आप मान लेंगे ? अरे Ra-1 की नहीं, असली रावण ,दशानन जी की बात कर रहा हूँ मैं !

... विस्तार में जानने के लिए नीचे पढे-
रावण हत्था प्रमुख रूप से राजस्थानऔर गुजरातमें प्रयोग में लाया जाता रहा है। यह राजस्थान का एक लोक वाद्य है। पौराणिक साहित्य और हिन्दूपरम्परा की मान्यता है कि ईसा से हजारो वर्ष पूर्व लंका के राजा रावणने इसका आविष्कार किया था और आज भी यह चलन में है। रावण के ही नाम पर इसे रावण हत्था या रावण हस्त वीणा कहा जाता है। यह संभव है कि वर्तमान में इसका रूप कुछ बदल गया हो लेकिन इसे देखकर ऐसा लगता नहीं है। कुछ लेखकों द्वारा इसे वायलिनका पूर्वज भी माना जाता है।
इसे धनुष जैसी मींड़ और लगभग डेढ़-दो इंच व्यास वाले बाँस से बनाया जाता है। एक अधकटी सूखी लौकी या नारियल के खोल पर पशुचर्म अथवा साँप के केंचुली को मँढ़ कर एक से चार संख्या में तार खींच कर बाँस के लगभग समानान्तर बाँधे जाते हैं। यह मधुर ध्वनि उत्पन्न करता है।






अधिक जानकारी के लिए ये लिंक भी देखे-
http://violin.koopal.com/violin-history.htm
http://m.youtube.com/watch?feature=player_embedded&v=5nDvRvuTjQ0&desktop_uri=%2Fwatch%3Fv%3D5nDvRvuTjQ0%26feature%3Dplayer_embedded
http://chandrakantha.com/articles/indian_music/ravanhastra.html


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