भारतीय चिकित्सा शास्त्र में सूर्य किरणों की चिकित्सा के साथ साथ चन्द्र किरणों का भी महत्व बताया है ..वेदों में चन्द्र से आने वाली रात्रि कालीन शीतल किरणों को सोम कहा है क्यूँ की ये औषधियों को पुष्ट करती है |
आयुर्वेद विशेष कर शुश्रुत संहिता में चन्द्र किरणों का उपचार के रूप में उलेख है | जिनमे प्रमुख है अद्भुत चंद्रकांत मणि ,ये मणि अनुमानत श्रीलंका में मिलती है |इस मणि की एक प्रमुख विशेषता होती है की इसे चन्द्र किरणों की उपस्थति में रखने पर इससे जल टपकने लगता है जिस जल के कई अद्भुत औषधीय गुण है |
आयुर्वेद विशेष कर शुश्रुत संहिता में चन्द्र किरणों का उपचार के रूप में उलेख है | जिनमे प्रमुख है अद्भुत चंद्रकांत मणि ,ये मणि अनुमानत श्रीलंका में मिलती है |इस मणि की एक प्रमुख विशेषता होती है की इसे चन्द्र किरणों की उपस्थति में रखने पर इससे जल टपकने लगता है जिस जल के कई अद्भुत औषधीय गुण है |
शुश्रुत संहिता में आया है -
रक्षोघ्नं शीतलं हादि जारदाहबिषापहम्|
चन्द्रकान्तोद्भवम् वारि वित्तघ्नं विमलं स्मृतम्||सुश्रुत ४५/२७||
चन्द्र कातं मणि से उत्पन्न जल कीटाणुओ का नाश करने वाला है शीतल,आह्हाददायक,ज्वरनाशक,दाह ओर विष को शांत करने वाला है|
चन्द्रकान्तोद्भवम् वारि वित्तघ्नं विमलं स्मृतम्||सुश्रुत ४५/२७||
चन्द्र कातं मणि से उत्पन्न जल कीटाणुओ का नाश करने वाला है शीतल,आह्हाददायक,ज्वरनाशक,दाह ओर विष को शांत करने वाला है|
इसी मणि के बारे में चम्पू रामायण में भी आया है :-
एष मृगाड्कोपि निजोपलमयकलशमुखात्|
अच्छाच्छामविच्छिन्नधारां निजकराभिमर्शात् आप वमन||चंपू रामायण अयोध्याकांड २३||
अच्छाच्छामविच्छिन्नधारां निजकराभिमर्शात् आप वमन||चंपू रामायण अयोध्याकांड २३||
फेजी द्वारा लिखी आईने अकबरी पढने से पता चलता है कि मुग़ल काल में भी इसी मणि का उपयोग किया जाता था :-
There is also a shining stone called Chandra Kant which being exposed to the moon s beams drops water.(English translation page 10)
इसमें चंद्रकांत मणि और उसके चन्द्र किरणों के प्रभाव में जल गिरने का स्पष्ट उलेख है |
इस लेख के द्वारा यही बताने का प्रयाश किया है कि प्राचीन भारत का रत्न विज्ञानं ओर आयुर्वेद विज्ञानं काफी उन्नत था |जिसके कारण विभिन्न रासायनिक योगिक बने ,औषधीय बनी, कई रत्नों ओर रेडिओ एक्टिव पदार्थ ,मणियो,धातुओ की खोज भारतीय ऋषियों द्वारा की जा चुकी थी |जिसका उपयोग वे ब्रह्मास्त्र जैसे घातक शस्त्रों से लेकर चिकित्सा विज्ञानं में भी करते थे |
आज आवश्कता है देश के इसी प्राचीन वैज्ञानिक परम्परा को आगे बढ़ाने की ,इस संधर्भ में साउथ इंडियन फिल्मो का बहुत बहुत आभार जिन्होंने भारतीय कला कुंग फु और महान संत बौधिधर्म के बारे में प्रचार हेतु फिल्म बनाई |ओर उसमे भारतीय विज्ञानं परम्परा को भी बताया है |हमारा सभी से निवेदन है सिंघम नामक हिन्दू विरोधी फिल्म ओर किक आदि फिल्मो से अच्छा साउथ इंडिया की "चेन्नई तो चाइना " फिल्म देखे ओर अन्य को भी दिखाए |
watch and download movie http://www.desihdmovies.net/2014/04/chennai-vs-china-2014-hindi.html
om .....
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