Saturday, December 28, 2013

शतरंज का खेल

शतरंज का आविष्कारक - सनातनी भारत . Inventor of
Chess - Ancient India
शतरंज का आविष्कारक - सनातनी भारत . शतरंज
मूलतः भारत का आविष्कार है, यह चतुरंग खेल का बिगड़ा हुआ
संस्करण (वर्जन) है, यहाँ देंखे -
https://www.chessvariants.org/historic.dir/chaturanga.html
यहाँ से यह खेल फारस में गया; फारस से अरब में और अरब से
यूरोपीय देशों में पहुँचा । फारसी में इसे चतरंग
भी कहते हैं । पर अरबवाले इसे शातरंज, शतरंज
आदि कहने लगे, चतुरंग का खेलने का तरीका...
धीरे धीरे भ्रष्ट होकर
बदलता गया तथा आज ये अपने वर्तमान स्वरुप में पहुंचा है...
वेदव्यास जी का एक ग्रन्थ है "तिथितत्व". तिथितत्व में
वेदव्यास जी चतुरंग का विवरण बताया है, ये इस प्रकार
है - "चार आदमी यह खेल खेलते है। इसका चित्रपट
(बिसात) ६४ घरों का होता है जिसके चारो ओर खेलने वाले बैठते है।
पूर्व और पश्चिम बैठनेवाले एक दल में और उत्तर दक्षिण बैठनेवाले
दूसरे दल में होते है। प्रत्यक खिलाड़ी के पास एक राजा,
एक हाथी, एक घोड़ा, एक नाव और चार बट्टे या पैदल
होते है। पूर्व की ओर
की गोटीयाँ लाल, पश्चिम
की पीली, दक्षिण
की हरी और उत्तर
की काली होती है।
राजा चारों ओर एक घर चल सकता है । बट्टे या पैदल यों तो केवल एक
घर सीधे जा सकते है, पर
दूसरी गोटी मारने के समय एक घर आगे तिरछे
भी जा सकते है । हाथी चारों ओर (तिरछे
नहीं) चल सकते है। घोड़ा तीन घर तिरछे
जाता था । नौका दो घर तिरछे जा सकती थी ।
मोहरे आदि बनाने का क्रम प्राय; वैसा ही था,
जैसा आजकल है । हार जीत भी कई
प्रकार की होती थी । जैसे,—
सिंहसन, चतुराजी, नृपाकृष्ट, षट्पद काककाष्ट,
बृहन्नौका इत्यादि।
यह खेल मंदोदरी ने अपने पति रावण को युद्धसक्त
देखकर निकाला था। ग्रंथो मे ये बात प्रमाण के साथ
लिखी है,
https://www.hinduwisdom.info/articles_hinduism/164.htm
https://www.lankapuvath.lk/index.php/more-news/arts/110-cine-a-drama/5007-mandodari-the-story-of-king-sri-ravana-and-his-wife
ये खेल एक ८x८ के वर्ग पर खेल जाता था जिसे अष्टपद कहते थे,
(चित्र देखें)
कृपया इन लिंक्स पर क्लिक करें -
https://www.ludoteka.com/chaturanga-en.html
https://www.chess.com/blog/Shadow_47/chaturangahellipthe-lost-game

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